नवग्रह के बारे में जाने
सूर्य,चन्द्र ,मंगल ,बुध ,गुरु ,शुक्र व शनि ग्रह हमारे जीवन में क्या प्रभाव डालते है |
अगर कुंडली में कमजोर हो तो क्या उपाय करे

सूर्य ग्रह
जिनका सूर्य प्रबल होता है वे बहुत तेजस्वी सदगुणी विद्वान उदार स्वभाव दयालु, और मनोबल में आत्मबल से पूर्ण होते है। वे अपने कार्य स्वत: ही करता है किसी के भरोसे रह कर काम करना उन्हे नहीं आता है। वे सरकारी नौकरी और सरकारी कामकाज के प्रति समर्पित होता है। वह अपने को अल्प समय में ही कुशल प्रसाशक बनालेता है। सूर्य को एक प्रभावशाली ग्रह माना जाता है।
अगर कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो निम्न मंत्र का जाप करें।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा. ॐ सूर्याय नम: ॐ घृणि सूर्याय नम: । सूर्य का बीज मंत्र – ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ॥ सूर्य का रत्न माणिक्य है ।

चंद्र ग्रह
नवग्रहों में सूर्य के बाद चन्द्रमा ज्योतिष में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है | चंद्र ग्रह कर्क राशी का स्वामी है |
कमजोर चंद्र के कारण होने वाले कष्ट – व्यक्ति को स्त्री पक्ष से या स्त्री को लेकर कष्ट बना रहता है | हारमोंस की समस्या और अवसाद का योग बनता है नींद न आने की समस्या भी होती है,व्यक्ति बार बार नींद में चौंक कर उठ जाता है | व्यक्ति को माता का सुख नहीं मिलता या व्यक्ति के सम्बन्ध माता से ख़राब होता है |
चंद्र दोष दूर करने के उपाय – कुण्डली में उत्पन्न चंद्र दोष को दूर करने के लिए सर्वौत्तम उपाय है कि सोमवार के दिन भगवान शिव का गाय के दूध से रूद्राभिषेक करना चाहिए।स्फटिक की माला पहनने से भी चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है।चंद्रोदय के समय दूध में चावल और बताशा डाल कर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।चंद्र नीच का हो तो चंद्र की चीजों का दान नही लेना चहिये। शिव चालीसा का नियमित पाठ करें। चंद्र पीड़ा की विशेष शांति हेतु चांदी, मोती, शंख, सीप, कमल और पंचगव्य मिलाकर सात सोमवार तक स्नान करें। पंच धातु के शिवलिंग का निर्माण करके उसका यथायोग्य पूजन करने से चंद्र पीड़ा शांत होती है। सोम वार के व्रत करे | पूर्णिमा के दिन चंद्र दर्शन करे व चन्द्रमा की रौशनी में चंद्र मन्त्र का जाप करे | चंद्र देव को सफेद रंग प्रिय है इसलिय सोमवार व पूर्णिमा को सफेद रंग की चीज दान करे |
चंद्र ग्रह का रत्न – मोती
चंद्र ग्रह की धातु – सुवर्ण , चांदी,
चंद्र ग्रह का वार – सोमवार
दान योग्य वस्तु – चावल ,मिश्री ,दही ,स्वेत वस्त्र ,श्वेत पुष्प ,शंख ,श्वेत चन्दन |
चन्द्रमा कमजोर होने पर होने वाले रोग तिल्ली ,पांडू ,यकृत ,कफ ,उदर संबंधी रोग
चंद्रदेव मंत्र
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:। ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।

मंगल ग्रह
सौर परिवार में मंगल का चोथा स्थान है | मंगल ग्रह को ऊर्जा, भूमि और साहस का कारक ग्रह माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह माना गया है। मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह होते हैं। मंगल मकर राशि में उच्च के जबकि कर्क राशि में नीच के माने गए हैं।
मंगल का रत्न – मूंगा
कमजोर मंगल के रोग – पित ,वायु ,कर्ण रोग,विशु चिका , खुजली |
कुंडली में मंगल 4 ,8 भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है |
मंगल की धातु – सुवर्ण ,ताम्र |
मंगल का दान – मसूर ,गूढ़ ,घी ,लाल वस्त्र ,लाल कनेर ,कस्तूरी , लाल चन्दन |
मंगल का बीज मंत्र- ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।
मंगल का अंक – 9
मंगल अशुभ हो तो कभी कभी जेल के दर्शन भी हो जाते हैं | कुंडली का मंगल जीवन के सुख, संपत्ति, विवाद और मुकदमेबाजी जैसे पहलुओं को विशेष रूप से प्रभावित करता है | यानि जीवन के हर मोड़ पर खराब या अशुभ मंगल का प्रभाव रहता है और इंसान की जिंदगी को प्रभावित भी करता है | मंगलवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को लाल रंग का कपड़ा दान करें। हनुमान जी के मंदिर जाकर संतरी रंग के सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर हनुमान जी को चौला चढ़ाएं। मंगल ग्रह के मंत्रों का जाप करें। ढाई किलो लाल मसूर की दाल किसी कुष्ठ रोगी को दान करें।
इंद्र का वचन सुनकर शरणागत वत्सल शिव ने इंद्र को अभय प्रदान किया और अंधकासुर को युद्ध के लिए ललकारा, युद्ध अत्यंत घमासान हुआ, और उस समय लड़ते-लड़ते भगवान शिव के मस्तक से पसीने की एक बूंद पृथ्वी पर गिरी, उससे अंगार के समान लाल अंग वाले भूमिपुत्र मंगल का जन्म हुआ।मंगल ग्रह या मंगल दोष हेतु अक्सर हनुमानजी की पूजा बताई जाती है और हनुमानजी का दिन भी मंगलवार भी है परंतु मंगलदेव ही मंगल ग्रह के देवता है और उनका वार भी मंगलवार ही होता है। मंगल दोष की शांति हेतु उनकी भी पूजा की जाती है।

बुध ग्रह
बुधवार का दिन गणेश जी का होता है| वो सभी देवताओं में सबसे प्रिय हैं, इसलिए उनकी पूजा सभी देवताओं से पहले की जाती है| उनकी पूजा-अर्चना करने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है. जानकार मानते हैं कि अगर बुधवार के दिन कुछ उपाय किये जाए तो बुध ग्रह का अच्छा प्रभाव पड़ता है.बुध ग्रह से दमा और अन्य रोग |
सांस की बीमारियां बुध के दूषित होने से होती हैं। बहुत खराब बुध से व्यक्ति के फेफड़े खराब होने का भय रहता है। व्यक्ति हकलाता है तो भी बुध के कारण और गूंगा बहरापन भी बुध के कारण ही होता है। कुंडली में अगर बुध ग्रह कमजोर है तो करें ये उपाय – घर के पूर्व दिशा में लाल झंडा लगायें।ऐसे व्यक्ति को हरे रंग के कपड़ों और वस्तुओं से परहेज करना चाहिए। 100 ग्राम चावल में चने की दाल मिलाकर बहते जल नदी या नहर में प्रवाहित करें।
बुधवार को मंत्र का जाप करने से दिमाग तेज होता है और व्यापार में मिलती है तरक्की मिलती है | बुध को मानसिक तनावों से राहत देने वाला, मन की एकाग्रता बढ़ाने वाला और याददाश्त तेज करने वाला ग्रह माना गया है। यही नहीं काराबोर में कामयाबी भी बुध के शुभ योग से मिलती है।
बुध मंत्र – बीज मंत्र ‘ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ तथा सामान्य मंत्र ‘बुं बुधाय नमः’ है।
बुध ग्रह का रंग – बुध का रंग वैसे तो हरा होता है पर कुछ लोग बुध का रंग श्याम मानते हैं।
बुध ग्रह का रत्न – पन्ना

बृहस्पति ग्रह
बृहस्पति ग्रह को अंग्रेजी में ज्यूपिटर भी कहते हैं। कुंडली में देव गुरु बृहस्पति मजबूत स्थिति में हों, तो व्यक्ति की किस्मत चमक जाती है. उसकी आंखों में चमक और चेहरे पर तेज होता है. वो व्यक्ति किसी को भी अपने ज्ञान के समक्ष झुकाने की पूरी ताकत रखता है |
यदि किसी की कुंडली में गुरु कमजोर स्थिति में हो तो जीवन में आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, भाग्य साथ नहीं देता और वैवाहिक परेशानियां आती हैं | बृहस्पति ग्रह को देव गुरू कहा गया है.गुरु: इस ग्रह के प्रभाव से दंतरोग, स्मृतिहीनता, अंतड़ियों का ज्वर, कर्णपीड़ा, पीलिया, लीवर की बीमारी, सिर का चक्कर, पित्ताशय के रोग, रक्ताल्पता, नींद न आने की बीमारी, शोक आदि शारीरिक कष्ट-कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है।
बृहस्पति ग्रह को इस तरह करें मजबूत-
प्रत्येक गुरुवार शिवजी को बेसन के लड्डू चढ़ाएं।गुरुवार को व्रत करें। मन्त्र का जाप न्यूनतम 108 बार जरूर करें। इस दिन पीली वस्तुओं का दान अपनी सार्म्थ्यनुसार करें। गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं और फिर विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं।
बृहस्पति ग्रह का मन्त्र – प्रथम मंत्र को बृहस्पतिदेव का मूल मंत्र माना जाता है | ॐ बृं बृहस्पतये नम:। ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
बृहस्पति ग्रह का रत्न – के लिए पुखराज , सोने की अंगूठी में तर्जनी अंगुली में गुरु-पुष्य योग में धारण करे |
बृहस्पति ग्रह का रंग – पीला

शुक्र ग्रह
आकाश मंडल में बुध ग्रह के बाद शुक्र ग्रह का स्थान है | शुक्र ग्रह,सूर्य व चंद्र के बाद सबसे प्रकाश वान ग्रह हैं बृहस्पति के साथ-साथ शुक्र को भी मंत्रिपरिषद में मंत्री पद मिला है |शुक्र का रंग सफेद, प्रवृत्ति वात, ब्राह्मण जाति, जल तत्व, स्त्रीलिंग, गुण शुभ, वसंत ऋतु, तुला और वृषभ राशि का स्वामी, रत्न चांदी , जन्म कुंडली में साथ में घर का स्वामी,शुक्र अंक 6
3,12, 21 व 29 तारीख को जन्मे लोगों के साथ किसी प्रकार का कारोबार संबंध नहीं रखना चाहिए
5 6 8 14 15 17 23 24 व 26 तारीख में जन्मे हुए लोगों के साथ कारोबार करते हैं या मित्रता करते हैं तो लाभ होने की संभावना होती है |
शुक्र के विकार
मेष राशि में शुक्र हो तो नेत्र विकार होती हैं
वृषभ राशि में शुक्र होने पर गले में सूजन खांसी
मिथुन राशि में शुक्र हो तो चेहरे पर फुंसियां कील मुंहासे
कर्क राशि में शुक्र हो तो पेट फूलना बीमा चलाना
सिंह राशि में शुक्र हो तो ह्रदय विकार
कन्या राशि में शुक्र होने पर अतिसार का रोग
तुला राशि में शुक्र होने पर पेशाब संबंधी रोग
वृषभ राशि में शुक्र होने पर हर्निया जैसे लोग
धनु राशि में शुक्र होने पर कमर नितंब मलाशय से संबंधित रोग
मकर राशि में शुक्र होने पर घुटनों में सूजन व त्वचा रोग
कुंभ राशि में शुक्र होने पर रक्त दोस्त नसों से संबंधित रोग
मीन राशि में शुक्र होने पर पैरों की एड़ियां पटना वल्वा संबंधी रोग

शनि ग्रह
ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीपतये शनयो रविस्र वन्तुनः।
शनिदेव के इस मंत्र को श्री शनि वैदिक मंत्र कहा जाता है। इस मंत्र का 23000 हजार जप करने से साढे़साती शनि का दुष्प्रभाव शांत हो जाता है
शनि ग्रह का रत्न नीलम हैं।
पीपल को जल चढाए,पूजा करें और सात परिक्रमा करें। शनिदेव को तेल अर्पित करें और पूजन करें।हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्जवलित करें।
हर शनिवार सुबह-सुबह स्नान आदि कर्मों से निवृत्त होकर तेल का दान करें।
हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का चढ़ाएं.
शनि देव के लिए सरसों के तेल का दान काफी अच्छा माना जाता है। अगर शनि के चलते आपका कोई काम रुका हुआ है या जीवन में सफलता हाथ नहीं आ रही, तो सरसों के तेल का दान जरूर करें। शनिवार के दिन सुबह लोहे के बरतन में सरसों का तेल लें और उसमे एक रुपए का सिक्का डालेंअधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी – 9312002527,9560518227
Sir please add information about Rahu and Ketu