इंदिरा एकादशी

इंदिरा एकादशी

अश्विन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं | यह एक मात्र ऐसी एकादशी है जो पितृ पक्ष में पड़ती है | मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से व्रती को पितृ पक्ष में श्राद्ध करने के समान फल की प्राप्ति होती है. इसलिए इंदिरा एकादशी व्रत अन्य एकादशियों के व्रत की तुलना में बेहद खास हो जाता है |

आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है | एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से कहा कि आप मुझे आश्विन कृष्ण एकादशी व्रत के महव के बारे में बताएं | तब भगवान श्रीकृष्ण ने उनसे कहा कि इस व्रत को इंदिरा एकादशी व्रत के नाम से जानते हैं. इस व्रत को करने से पुण्य प्राप्त होता है व पितरों की मुक्ति होती  है |

इंदिरा एकादशी व्रत कथा

एक समय में  इंद्रसेन नामक राजा महिष्मति नगर पर शासन करता था | राजा  विष्णु भगवान का भक्त था,उसके पास किसी चीज की कमी नहीं थी | एक दिन उसके राजदरबार में नारद मुनि पधारे. राजा ने उनका आदर सत्कार किया और आने का प्रयोजन पूछा | तब नारद जी ने कहा कि वे एक दिन यमलोक गए थे | उन्होंने यमराज से मुलाकात की उनकी प्रशंसा की उस दौरान उन्होंने तुम्हारे पिता को देखा वे यम लोक में थे  नारद जी ने राजा इंद्रसेन को उसके पिता का संदेशा बताया. उसके पिता ने कहा था कि किसी कारणवश उनसे एकादशी व्रत में कोई विघ्न बाधा हो गई थी, जिसके फलस्वरूप उनको यम लोक में यमराज के पास समय व्यतीत करना पड़ रहा है | यदि तुम से संभव हो सके तो अपने पिता के लिए इंदिरा एकादशी व्रत करो | इससे वे यमलोक से मुक्त होकर स्वर्ग लोक में स्थान पा सकेंगे | तब राजा इद्रसेन ने नारद जी से इंदिरा एकादशी के व्रत की विधि बताने का अनुरोध किया | नारद जी ने कहा कि इंदिरा एकादशी व्रत के दिन तुम स्नान आदि करके भगवान शालिग्राम के समक्ष अपने पितरों का श्राद्ध विधिपूर्वक करो | ब्राह्मणों को फलाहार और भोजन कराओ | फिर उनको दक्षिणा दो. इसके बाद बचे हुए भोजन को गाय को खिला दो | फिर धूप, दीप, गंध, पुष्प, नैवेद्य आदि से भगवान विष्णु का पूजन करो | फिर रात्रि के समय में भगवान का कीर्तन कर जागरण करो | अगले दिन सुबह स्नान आदि के बाद पूजन कर  ब्राह्मणों को भोजन कराओ | तत्पश्चात स्वयं भी भोजन करके व्रत को पूरा कर भगवान का आशीर्वाद ले | नारद जी ने कहा कि हे राजन! तुम विधिपूर्वक इंदिरा एकादशी व्रत को करो ऐसा करने से तुम्हारे पिता शीघ्र स्वर्ग लोक में स्थान प्राप्त करेंगे | ऐसा कह  नारद जी वहां से चले गए | जब आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी आई तो राजा इंद्रसेन ने विधिपूर्वक इंदिरा एकादशी व्रत किया | इस व्रत के पुण्य प्रभाव से उसके पिता यमलोक से मुक्त होकर विष्णु लोक को चले गए | एकादशी व्रत के प्रभाव से राजा इंद्रसेन को भी स्वर्ग लोक की प्राप्ति हुई |

 

कर्ज से मुक्ति के उपाय व धन कैसे आये अधिक जानने के लिए किल्क  करे –

 

https://youtu.be/HfddQr4VnI8

 

जन्म कुंडली बनवाने व दिखाने के लिए संपर्क करे

शर्मा जी – 9312002527

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *