Month: October 2024

लक्ष्मी पूजन मुहर्त व विधि

लक्ष्मी पूजन मुहर्त व विधि आप सबको दिवाली की मंगल शुभकामना एंव हार्दिक बधाई |  मां लक्ष्मी आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें | लक्ष्मी पूजन मुहर्त दिनांक 31-10-2024  स्थिर लग्न – वृषभ – 6-25 से 8-20 तक,सिंह लग्न – 00-56 से 3-14 तक राहू काल – 13-27 से 14-50 चौघड़िया मुहूर्त – शुभ – 16-13 …

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ब्रह्म-विद्या है धन्यता का पथ

ब्रह्म-विद्या है धन्यता का पथ सुमित कुमार,नोएडा जिसे अपनी आत्म-गरिमा का भान हो गया, जो संसार से परे किसी अदृश्य शक्ति-स्रोत से जुड़ गया, जिसकी प्रतिभा जाग्रत हो गई तथा जिसके सभी द्वंद समाप्त हो गए, वही ब्रह्म-विद्या का अधिकारी है। जब किसी मनुष्य के जीवन में इसका प्रवेश होता है वह पूर्ण परिवर्तित हो …

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नक्षत्र

नक्षत्र वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नक्षत्र शब्द का उपयोग चंद्र महल के लिए किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चंद्रमा ग्रह लगभग एक दिन के लिए खुद को एक नक्षत्र में रखता है। इसलिए, प्रत्येक चंद्र महल की लंबाई लगभग 13°20′ के आसपास है। इसके अलावा, इन्हें चरण नामक चार तिमाहियों में विभाजित किया …

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मतदान हमारा अधिकर ओर कर्तव्य

मतदान हमारा अधिकर ओर कर्तव्य   सतीश शर्मा   मतदान हमारा अधिकार भी है ओर कर्तव्य भी, मतदान एक संवैधानिक अधिकार है | भारतीय  संविधान के अनुसार देश के नागरिकों को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार चलाने के हेतु,अपने प्रतिनिधि निर्वाचित करने के का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार मिला है। लोकतंत्र का …

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महर्षि वाल्मीकि

  महर्षि वाल्मीकि  महर्षि वाल्मीकि का जन्म आश्‍विन मास की शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। मनुष्य ने पहली कविता कब लिखी, यह बता पाना बहुत कठिन है। परन्तु, संस्कृत के आदि कवि वाल्मीकि के बारे में कहा जाता है कि प्रथम काव्याभियक्ति उन्हीं के स्वर से हुई है। उन्होंने रामायण तब लिखी, जब रावण-वध के …

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औपनिवेशिक मानसिकता का दिवालियापन

औपनिवेशिक मानसिकता का दिवालियापन –  प्रशांत पोळ मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री, श्री इंदर सिंह परमार जी ने विगत दिनों एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में, ‘भारत की खोज क्या वास्को डि गामा ने की?’ ऐसा प्रश्न पूछा। उनका आशय था, ‘भारत तो समुद्री परिवहन में हजारों वर्षों से आगे था। भारत अनेक देशों …

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शारदीय नवरात्र – 2024

  शारदीय नवरात्र – 2024  ॐ खड्गं चक्रगदेषुचापपरिघात्र्छूलं भुशुण्डीं शिर:शङ्खं संदधतीं करैस्त्रिनयनां सर्वांगभूषावृताम्। नीलाश्म धुतिमास्यपाददशकां सेवे महाकालिकांयामस्तौव्स्वपिते ह्वरौ कमलजो हन्तुं मधुंकैटभम्।। शारदीय नवरात्र  अश्विनी मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक होते हैं |  कलश स्थापना मुहर्त –  3 अक्टूबर को प्रातः काल सूर्योदय के बाद 4 घंटे तक अथवा अभिजीत मुहूर्त 11:52 …

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प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत का विजयादशमी उत्सव   के अवसर पर दिया उद्बोधन

प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत का विजयादशमी उत्सव   के अवसर पर दिया उद्बोधन   नौरात्रि की शक्ति पूजा के पश्चात विजय के साथ उदित होने वाली आश्विन शुक्ल दशमी के दिन हम प्रतिवर्षानुसार विजयादशमी उत्सव को संपन्न करने के लिए यहाँ एकत्रित है। शक्तिस्वरूपा जगद्जननी ही शिवसंकल्पों के सफल होने का आधार है। सर्वत्र …

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