अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड पुरस्कार समारोह (2024- 25 )
हिंदी विकास मंच द्वारा अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड पुरस्कार समारोह (2024 – 25 ) एन डी एम सी कनवेंशन सेंटर सांसद मार्ग नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री सईद अंसारी (कार्यकारी संपादक आज तक), डॉ० ज्वाला प्रसाद (निदेशक गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति) , डॉ० वीरेंद्र भारद्वाज (प्राचार्य शिवाजी कॉलेज नई दिल्ली), श्री सतीश शर्मा (मुख्य संपादक जानकारी काल ), श्री नित्यानंद तिवारी, (हिंदी अकादमी गवर्निंग बॉडी के सदस्य, ) डॉ० वी० के० भटनागर (सेवानिवृत्ति संयुक्त सचिव भारतीय संसद ) तथा उमेश चंद्र पाठक रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं हैप्पी होम पब्लिक स्कूल की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति के साथ हुआ। श्रीमान कपिल शर्मा जी ने हिंदी विकास मंच के विशिष्ट उद्देश्यों को बताते हुए हिंदी विकास मंच की कर्मठ एवं निष्ठावान सहयोगी स्वर्गीय यामिनी जी को याद किया और उनको भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए 2 मिनट का मौन धारण किया गया।
आज तक के संपादक सईद अंसारी ने कहा कि शिक्षक छात्र के जीवन को अंधेरे से रोशनी की ओर ले जा सकता है अनेकों ऐसे नाम है और अनेकों ऐसे छात्र हैं जिनको आचार्यों ने उनको ऊंचाई तक पहुंचा है इसमें उन्होंने अपना खुद का उदाहरण भी दिया।उन्होंने कहा की जो नए कोचिंग सेंटर खुल रहे हैं कहीं ऐसा तो नहीं कि छात्रों व अभिभावकों का विधालयो के ऊपर से विश्वास कम होता जा रहा हो इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। शिवाजी कॉलेज के प्रधानाचार्य ने बताया कि तुलसीदास जी ने एक ऐसा महाग्रंथ रखा जो लोगों के मन में समा गया है और राम चरित्रमानस एक ऐसी पुस्तक है जो कम पढ़े लिखे और पढ़े लिखे सबके घरों में और हर प्रकार के रीति रिवाज मानने वालों के घरों में आपको मिल जाएगी। गांधी प्रतिष्ठान के सचिव ज्वाला प्रसाद जी ने कहा कि हमको शिक्षा के माध्यम से देश में जागरूकता पैदा करनी है । हिंदी को विश्व भाषा की बनने के लिए अब कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने बताया कि मैं शुरुआत से हिंदी में पढ़ा हूं और मुझे हिंदी में पढ़ने के कारण से किसी प्रकार की भी रुकावट नहीं आई। स्वयं की भाषा से स्वयं का बोध करना व अपना स्वाभिमान जगाना अपनी भाषा के प्रति समर्पण पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद से सीखना चाहिए कि जब कोई उनके गांव से आता था तो पूरे मान सम्मान और अपनी भाषा में उनका स्वागत करते थे। इस कार्यक्रम में समस्त भारत के लगभग 25 प्रधानाचार्यों को राजभाषा रत्न से,70 हिंदी शिक्षकों को भाषा सारथी सम्मान से तथा 65 विद्यार्थियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस वर्ष 11 अध्यापिकाओं को रचनात्मक प्रतिभा सम्मान से भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का मंच संचालन श्रीमती पुनीता मिश्रा द्वारा किया गया। अंत में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन श्री मुकेश कुमार भारद्वाज द्वारा किया गया।कार्यक्रम का समापन श्री कपिल कुमार शर्मा जी (निदेशक हिंदी विकास मंच) की अध्यक्षता में हुआ।