भारतीय सांस्कृतिक अवधारणा

 भारतीय सांस्कृतिक अवधारणा 

भारतीय सांस्कृतिक अवधारणा, जिसे “वसुधैव कुटुम्बकम” (विश्व एक परिवार है) के रूप में भी जाना जाता है| भारत मे परिवार का महत्व है डॉ  कैलाश चंद्र शर्मा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संभाजी नगर नोएडा द्वारा आयोजित गोष्टी को संबोधित करते हुए कहा | एक प्राचीन और समृद्ध संस्कृति है जो विविधता में एकता का प्रतीक है, जिसमें संप्रदाय, भाषा, रीति-रिवाजों और कलाओं का एक अनूठा मिश्रण है | भारतीय संस्कृति को दुनिया की सबसे पुरानी और समृद्ध संस्कृतियों में से एक माना जाता है, जिसमें विभिन्न भाषाओं, और जातियों का समावेश है,भारत में विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के बावजूद, “अनेकता में एकता” की भावना यहाँ की संस्कृति की विशेषता है | भारतीय संस्कृति में धर्म और दर्शन का गहरा प्रभाव है,भारतीय संस्कृति में कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और वास्तुकला का एक समृद्ध इतिहास है,भारतीय संस्कृति में परिवार, समुदाय, और समाज के प्रति सम्मान जैसे पारंपरिक मूल्यों पर जोर दिया जाता है | भारतीय संस्कृति ने दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में कला, विज्ञान, दर्शन और प्रौद्योगिकी में योगदान दिया है | भारत में अनेक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल हैं, जैसे कि पाण्डव का किला, सोमनाथ मंदिर, राम सेतु, और सांची स्तूप, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं | 

रामायण का भारतीय जीवन में बहुत प्रभाव है, रामचरित्र मानस की  विभिन्न चौपाइयों का उल्लेख कर डॉ  प्रदीप कुमार सिंघल जी ने उक्त बात कही | भारतीय संस्कृति में अध्यात्म और भौतिकता के बीच एक संतुलन स्थापित करने का प्रयास किया गया है | 

भारत का मूल तत्व है सर्वे भवंतु सकिना डॉ  सुमित कुमार जी ने इस विषय पर विस्तार से समझाते हुए बताया कि सभी का सुख चाहना ही हमारी संस्कृति की विशेषता है  संस्कृतियों के अनुसार अनेक त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे कि दिवाली, और नवरात्रि,भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, जैसे कि हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, और गुजराती,भारत में विभिन्न प्रकार की कलाएँ हैं, जैसे कि चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, और नृत्य | भारतीय साहित्य में अनेक महान रचनाएँ हैं, जैसे कि रामायण, महाभारत, और भगवत गीता | भारतीय दर्शन में अनेक विचार हैं, जैसे कि योग, कर्म, और मोक्ष | भारतीय संस्कृति में 16  संस्कार हैं, जैसे कि विवाह, जन्म, और मृत्यु संस्कार | भारत में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ हैं, जैसे कि दाल, रोटी, चावल, और फल | 

भारत की एकता में अनेकता पर श्रीमान सत्येंद्र जी ने अपने विचार रखें भारत में विभिन्न प्रकार के वेशभूषा हैं, जैसे कि साड़ी, सलवार कमीज, और धोती,भारतीय संस्कृति में अनेक अनुष्ठान हैं, जैसे कि पूजा, हवन, और यज्ञ | भारतीय संस्कृति एक जटिल और समृद्ध संस्कृति है जो विविधता में एकता का प्रतीक है। यह संस्कृति धर्म, भाषा, रीति-रिवाजों और कलाओं का एक अनूठा मिश्रण है, जो दुनिया भर के लोगों को प्रभावित करती है |

अतिथि सत्कार यह हमारी संस्कृति की विशेषता है,पंच  परिवर्तन स्वं  का बोध, कुटुंब प्रबोधन पर्यावरण नागरिक कर्तव्य और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर श्रीमान सतीश शर्मा जी ने अपने विचार प्रकट किया | मंच का संचालन श्री रजत जी ने करा ,श्रीमान कृष्णानंद सागर जी, श्रीमान संतोष त्यागी जी,श्रीमान विनीत प्रताप जी,श्रीमान पंकज जी, श्रीमान सुरेश सरदाना जी,श्रीमान बालेश्वर गुप्ता जी,श्रीमान वीरेंद्र जी ,श्रीमान रविंद्र गौतम जी,श्रीमान रविंद्र रस्तोगी जी,श्रीमान सुरेंद्र बत्रा जी,श्रीमती सुमन जी, श्रीमती मिथिलेश जी,श्रीमती अनीता जी,श्रीमती लालिमा जी, श्रीमती के एल साहनी  व अन्य गणमान्य व्यक्ति गोष्टी मे उपस्थित रहे | 

1 thought on “भारतीय सांस्कृतिक अवधारणा”

  1. बालेश्वर गुप्ता

    एक सामयिक विषय *भारतीय सांस्कृतिक अवधारणा* पर आधारित गोष्ठी में वक्ताओं द्वारा रखे विचार प्रभावी रहे।आयोजन सफल रहा।

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