मई मास 2025 का पंचांग
सतीश शर्मा
भारतीय व्रतोत्सव मई -2025
दि. 1- विनायक चतुर्थी,दि. 2- आद्यजगद्गुरु शंकराचार्य ज.,दि. 3- श्री रामानुजाचार्य जयंती, गंगा सप्तमी,दि. 5- दुर्गाष्टमी, सीतानवमी,दि. 8- मोहिनी एकादशी व्रत,दि. १- प्रदोष व्रत,दि. 11- श्री नृसिंह जयंती,दि. 12- सत्य व्रत, कूर्म जयंती, बुद्ध जयंती, वैशाख स्नान पूर्ण,दि. 14- संक्रांति पुण्य,दि. 16- श्री गणेश चतुर्थी व्रत,दि. 20- कालाष्टमी,दि. 23- अपरा (भद्रकाली) 11 व्रत,दि. 24- शनि प्रदोष व्रत,दि. 25- मास शिवरात्रि,दि. 27- भावुका अमावस्या, वट् सावित्री व्रत, शनि जयंती,दि. 28- गंगा दशाश्व मेघ स्नानारम्भ,दि. 29- महाराणा प्रताप जयंती, मेला हल्दी घाटी (मेवाड़),दि. 30- विनायक चतुर्थी व्रत,श्री गुरु अर्जुनदेव बलिदान दिवस
मूल विचार मई -2025
मूल विचार-दि. 4 को 12/53 से दि. 6 को 15/51 तक, दि. 14 को 11/46 से दि. 16 को 16/07 तक, दि. 23 को 16/02 से दि. 25 को 11/12 तक, दि. 31 को 21/07 से मासान्त तक गण्ड मूल नक्षत्र हैं।
ग्रह स्थिति मई -2025
ग्रह स्थिति-दि. 6 बुध मेष में,दि. 14 सूर्य वृष में,दि. 14 गुरु मिथुन में,दि. 18 बुधास्त पूर्व,दि. 18 राहु कुम्भ में,दि. 18 केतु सिंह में,दि. 23 बुध वृष में,दि. 31 शुक्र मेष में
पंचक विचार मई -2025
पंचक विचार -(धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से रेवती नक्षत्र तक) पंचको में दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना मकान दुकान आदि की छत डालना चारपाई पलंग आदि बुनना,दाह संस्कार,बांस की चटाई दीवार प्रारंभ करना आदि स्तंभ रोपण तांबा पीतल तृण काष्ट आदि का संचय करना आदि कार्यों का निषेध माना जाता है समुचित उपाय एवं पंचक शांति करवा कर ही उक्त कार्यों का संपादन करना कल्याणकारी होगा ध्यान रहेगा पंचर नक्षत्रों का विचार मात्र उपरोक्त विशेष कृतियों के लिए ही किया जाता है विवाह मंडल आरंभ गृह प्रवेश प्रवेश उपनयन आदि मुद्दों से तो पंचक नक्षत्रका प्रयोग शुभ माना जाता है, पंचक विचार – दि. 20 को 7/35 से दि. 24 को 13/48 बजे तक पंचक है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी – 9312002527,9560518227
भद्रा विचार मई -2025
भद्रा काल का शुभ अशुभ विचार – भद्रा काल में विवाह मुंडन, गृह प्रवेश, रक्षाबंधन आदि मांगलिक कृत्य का निषेध माना जाता है परंतु भद्रा काल में शत्रु का उच्चाटन करना,स्त्री प्रसंग में,यज्ञ करना,स्नान करना,अस्त्र शस्त्र का प्रयोग,ऑपरेशन कराना, मुकदमा करना,अग्नि लगाना,किसी वस्तु को काटना,भैस,घोड़ा व ऊंट संबंधी कार्य प्रशस्त माने जाते हैं सामान्य परिस्थिति में विवाह आदि शुभ मुहूर्त में भद्रा का त्याग करना चाहिए परंतु आवश्यक परिस्थितिवश अतिआवश्यक कार्य भूलोक की भद्रा ,भद्रा मुख छोड़कर कर भद्रा पुच्छ में शुभ कार्य कर सकते है |
दि. 1 को 0/47 से 11/23 तक, दि. 4 को 7/19 स 19/27 तक, दि. 7 को 23/24 से दि. 8 को 12/29 तक, दि. 20/02 से दि. 12 को 9/15 तक, दि. 15 को 15/18 से दि. 16 को 4/03 तक, दि. 19 को 6/11 से 18/01 तक, दि. 22 को 14/21 से दि. 23 को 1/12 तक, दि. 25 को 15/51 से दि. 26 को 2/01 तक, दि. 30 को 10/15 से 21/22 बजे तक भद्रा है।
चंद्र प्रवेश समय मई -2025
दि. 1 मिथुन 3/14, दि. 3 कर्क 6/36, दि. 5 सिंह 14/01, दि. 8 कन्या 0/57, दि. 10 तुला 13/42, दि. 13 वृश्चिक 2/27, दि. 15 धनु 14/07, दि. 18 मकर 0/03, दि. 20 कुम्भ 7/35, दि. 22 मीन 12/08, दि. 24 मेष 13/48, दि. 26 वृष 13/40, दि. 28 मिथुन 13/36, दि. 30 कर्क 15/42
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी – 9312002527,9560518227
सर्वार्थ सिद्धि योग मई -2025
दैनिक जीवन में आने वाले महत्वपूर्ण कार्यों के लिए शीघ्र ही किसी शुभ मुहूर्त का अभाव हो,किंतु शुभ मुहर्त के लिए अधिक दिनों तक रुका ना जा सकता हो तो इन सुयोग्य वाले मुहर्तु को सफलता से ग्रहण किया जा सकता है | इन से प्राप्त होने वाले अभीष्ट फल के विषय में संशय नहीं करना चाहिए यह योग हैं सर्वार्थ सिद्धि,अमृत सिद्धि योग एवं रवियोग | योग्यता नाम तथा गुण अनुसार सर्वांगीण सिद्ध कारक है|
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी – 9312002527,9560518227
दिनांक | प्रारंभ | दिनांक | समाप्त |
02 | 13-03 | 03 | 05-43 |
04 | 05-42 | 04 | 12-53 |
11 | 03-15 | 11 | 05-37 |
14 | 05-35 | 14 | 11-46 |
18 | 05-33 | 18 | 18-52 |
19 | 05-32 | 19 | 19-29 |
23 | 16-02 | 24 | 05-30 |
25 | 05-30 | 25 | 11-12 |
28 | 05-29 | 29 | 00-28 |
29 | 22-38 | 30 | 21-29 |
चौघड़िया मुहूर्त
चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य या यात्रा करना उत्तम होता है। एक तिथि के लिये दिवस और रात्रि के आठ-आठ भाग का एक चौघड़िया निश्चित है। इस प्रकार से 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात मानें तो प्रत्येक में 90 मिनट यानि 1.30 घण्टे का एक चौघड़िया होता है जो सूर्योदय से प्रारंभ होता है|
सुर्य उदय- सुर्य अस्त मई -2025
दिनांक | 01 | 05 | 10 | 15 | 20 | 25 | 28 |
उदय | 05-41 | 05-38 | 05-35 | 05-31 | 05-29 | 05-27 | 05-25 |
अस्त | 18-55 | 18-58 | 19-01 | 19-04 | 19-07 | 19-09 | 19-12 |
राहू काल
राहुकाल -राहुकाल दक्षिण भारत की देन है,दक्षिण भारत में राहु काल में कृत्य करना अच्छा नहीं माना जाता, राहु काल में शुभ कृतियों में वर्जित करने की परंपरा अब हमारे उत्तरी भारत में भी अपनाने लगे हैं राहुकाल प्रतिदिन सूर्यादि वारों में भिन्न-भिन्न समय पर केवल डेढ़ डेढ़ घंटे के लिए घटित होता है |
संक्रांति विचार
इस मास की संक्रान्ति वृष ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया बुधवार दि. 14/15 मई की रात्रि के दूसरे प्रहर 24/11 बजे 15 मु. बैठी धापी पश्चिम गमन वायव्य दृष्टि किये माहेन्द्र मण्डल में प्रवेश करेगी। गतवार नक्षत्र 4, वार नाम नन्दा द्विज सुखी, नक्षत्र नाम राक्षसी चाण्डाल सुखी। बुधवारी संक्रान्ति होने से सभी रस पदार्थ, गुड़, खाण्ड, सभी तिलहन वस्तु, दूध, दही, घी आदि के भाव में तेजी।
आकाश लक्षण
मास में ग्रहचाल-नाड़ी परिवर्तन से गर्मी का वातावरण बनेगा। गर्मी अधिक पड़ने से प्रजा को कठिनाई का सामना करना होगा। वर्षा की सम्भावना क्षीण है। आंधी के द्वारा कहीं हल्की भारी वर्षा होना सम्भव है।
मांगलिक दोष विचार परिहार
वर अथवा कन्या दोनों में से किसी की भी कुंडली में 1,4,7,8 व 12 भाव में मंगल होने से ये मांगलिक माने जाते हैं,मंगली से मंगली के विवाह में दोष न होते हुए भी जन्म पत्रिका के अनुसार गुणों को मिलाना ही चाहिए यदि मंगल के साथ शनि अथवा राहु केतु भी हो तो प्रबल मंगली डबल मंगली योग होता है | इसी प्रकार गुरु अथवा चंद्रमा केंद्र हो तो दोष का परिहार भी हो जाता है |इसके अतिरिक्त मेष वृश्चिक मकर का मंगल होने से भी दोष नष्ट हो जाता है | इसी प्रकार यदि वर या कन्या किसी भी कुंडली में 1,4,7,9,12 स्थानों में शनि हो केंद्र त्रिकोण भावो में शुभ ग्रह, 3,6,11 भावो में पाप ग्रह हों तो भी मंगलीक दोष का आंशिक परिहार होता है, सप्तम ग्रह में यदि सप्तमेश हो तो भी दोष निवृत्त होता है |
स्वयं सिद्ध मुहूर्त
स्वयं सिद्ध मुहूर्त चैत्र शुक्ल प्रतिपदा वैशाख शुक्ल तृतीया अक्षय तृतीया आश्विन शुक्ल दशमी विजयदशमी दीपावली के प्रदोष काल का आधा भाग भारत में से इसके अतिरिक्त लोकाचार और देश आचार्य के अनुसार निम्नलिखित कृतियों को भी स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना जाता है बडावली नामी देव प्रबोधिनी एकादशी बसंत पंचमी फुलेरा दूज इन में से किसी भी कार्य को करने के लिए पंचांग शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं है परंतु विवाह आदि में तो पंचांग में दिए गए मुहूर्त व कार्य करना श्रेष्ठ रहता है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी – 9312002527,9560518227