दिल की आरजू
सूरज हर शाम ढल ही जाता हैं,
पतझड़ भी वसंत में बदल जाता है।
किसी भी मुसीबत में हिम्मत मत हारना,
समय कैसा भी हो गुजर ही जाता है।।
चित्र ही नहीं चरित्र भी सुंदर होना चाहिए ,
भवन ही नहीं भावना भी सुंदर होनी चाहिए ।
साधन ही नहीं साधना भी सुंदर होनी चाहिए ,
दृष्टि ही नहीं दृष्टिकोण भी सुंदर होना चाहिए।।
घर छोटा और दिल बड़ा होना चाहिए,
काम छोटा और अनुभव बड़ा होना चाहिए ।
पद छोटा और विचार बड़ा होना चाहिए,
इनाम छोटा और प्रयास बड़ा होना चाहिए ।।
इतनी मेहरबानी प्रभु बनाए रखना , सही रास्ते पर चलाए रखना।
ना दुखे दिल किसी का मेरे शब्दों से, इतना रहम सब पर बनाए रखना ।।
दुनिया के रैन बसेरे में ,
पता नहीं कितने दिन रहना है ।
जीत लो सबके दिलों को है ,
बस यही आप से कहना है ।।
श्रीमती शिखा सक्सेना
एहल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल
मयूर विहार , दिल्ली – 91