स्वतन्त्रता के मतवाले भगत सिंह
स्वतन्त्रता के मतवाले भगत सिंह पद्म प्रकाश सिंह बसन्त के गुलाबी मौसम की एक दोपहर थी। गांव के खेतों में गेहूं की झूमती बालियां पियराने लगी थीं। बैलों की घंटियों की आवाज़, मिट्टी की सौंधी खुशबू और हवा में लहराते सरसों के पीले फूलों के बीच एक नन्हा बालक उछलता-कूदता घूम रहा था। यह कोई …