सामाजिक समरसता के लिए संस्कृति व संस्कारों की आवश्यकता -सुरेश सरदाना

सामाजिक समरसता के लिए संस्कृति व संस्कारों की आवश्यकता  सुरेश सरदाना सामाजिक समरसता का अर्थ है समाज में सभी वर्गों, जातियों, धर्मों और समुदायों के बीच परस्पर सौहार्द, एकता और समानता की भावना का विकास। यह केवल कानून या शासन व्यवस्था से नहीं, बल्कि समाज के भीतर गहरे संस्कारों और सांस्कृतिक मूल्यों से प्राप्त होती …

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