“अनकही कथा” पुस्तक का विमोचन

नारद जयन्ती के शुभ अवसर पर भाउराव देवरस विद्यालय नोएडा में पुस्तक “अनकही कथा (स्वाधीनता संग्राम में पश्चिम  उत्तर प्रदेश का योगदान )” का विमोचन कार्यक्रम हुआ | इस पुस्तक के संपादक डॉ प्रदीप कुमार जी एवं सह संपादक श्रीमान सतीश शर्मा जी है | कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री सुरेन्द्र सिंह जी (आई ० ए०एस०कमिश्नर मेरठ डिविजन , मुख्य वक्ता श्रीमान रघुवेंद्र तंवर जी (चेयरमैन आई० सी० एच० आर० नई दिल्ली ), जी के साथ कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ ए० के० अग्रवाल एवं अतिथि श्री नवीन जी व् सुशील जी ने इस पुस्तक का विमोचन किया | आदरणीय तपन कुमार जी संगठन मंत्री विद्या भारती मेरठ प्रांत का विषेश सहयोग,मार्गदर्शन व सानिध्य रहा।

पुस्तक विमोचन अनकही कथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पश्चिम उत्तर प्रदेश का योगदान। 

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास स्वर्णिम और प्रेरणास्पद है असंख्य देशभक्तों और हुतात्माओ ने भारतवर्ष को अंग्रेजो की पराधीनता से मुक्त कराने के लिए अपना सर्वस्व माँ भारती के चरणों में समर्पित कर दिया और अपने प्राणों की आहुति दे दी। ऐसे अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने असहनीय यातनाएं सहकर अपने परिवारों को भी राष्ट्र देव की बलिवेदी पर न्योछावर कर दिया। अंग्रेजों के विरुद्ध यह संघर्ष और जन आंदोलन भारत के प्रत्येक गांव, प्रत्येक जिले और प्रदेश में निरंतर होता रहा। भारतवर्ष का प्रत्येक वर्ग अपनी मातृभूमि को दासता की बेड़ियों से छुड़ाने के लिए सतत प्रतिबद्ध था। आज जब हम स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी का अमृत महोत्सव एक पर्व के रूप में मना रहे हैं ऐसे समय में यह आवश्यक हो जाता है कि हम भारत की स्वतंत्रता के लिए किए गए लंबे संघर्ष के विभिन्न पक्षों से परिचित हो, उन घटनाओं, प्रसंगों और वीरों का स्मरण करें जिन्होंने विदेशी शासन की चूल्हे हिला दी थी। राष्ट्र के धर्म संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान किया। ऐसी अनगिनत महान आत्माएं रही होंगी जिन्हें हम आज जानते भी नहीं। आजादी के अमृत महोत्सव के इस राष्ट्रीय पर्व पर हम सबका यह कर्तव्य बनता है कि भारत माता के ऐसे महान सपूतों को, उनके योगदान को स्मरण करते हुए हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें। इसी क्रम में यह पुस्तक “पश्चिम उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान” आजादी की लड़ाई की अनकही कथा को आपके सामने लाने का एक प्रयास है।

विगत 1 वर्ष से निरंतर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रदेश वार घटित प्रमुख घटनाओं, अनजाने तथ्यों, प्रेरणास्पद प्रसंगों तथा जाने अनजाने क्रांतिकारियों के विषय में जानकारी देने वाले आलेख और पुस्तकें प्रकाशित हो रही हैं। इस पुस्तक में हमने पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुख्य जिलों सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रामपुर और मुरादाबाद के क्षेत्रों से संबंधित घटनाओं का उल्लेख करने का प्रयास किया है। इन जिलों में स्वतंत्रता संग्राम में जिन जिन लोगों ने अपना सहयोग दिया तथा जिन गांवों ने विशेष भूमिका का निर्वहन किया उन सबका उल्लेख करने का प्रयत्न किया गया है। मैं आशा करता हूं कि यह पुस्तक निश्चित रूप से आप सभी को पसंद आएगी और पश्चिम उत्तर प्रदेश के जनमानस द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में जो योगदान दिया गया था उससे परिचित कराने में सहायक सिद्ध होगी।

भारतीय स्वाधीनता आंदोलन केवल भारत के लिए ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व के लिए  ऐतिहासिक अध्ययन का विषय रहा है। यह एक ऐसा स्वाधीनता संग्राम था जिसमें समाज के सभी वर्गों ने अविस्मरणीय योगदान दिया। स्वाधीनता के अमृत काल में भारत वर्ष के लिए इससे अधिक बड़ा राष्ट्रीय कर्तव्य और कोई नहीं हो सकता कि हम अपने उन क्रांतिकारी बंधुओं और उनके जीवन के पाथेय बिंदुओं पर गंभीर विमर्श करें। उन सभी को श्रद्धांजलि देना ही इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य है। आशा करते है कि अपने उद्देश्य को पूर्ण करने में यह पुस्तक खोजी इतिहासकारों, युवा पीढ़ी एवं विद्यार्थियों, अध्ययन प्रेमियों तथा राष्ट्रबोध के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। आपसे निवेदन है कि आप पुस्तक को गंभीरतापूर्वक अध्ययन कीजिएगा और उसमें अगर कुछ छूट गया हो या किसी संशोधन की आवश्यकता हो तो अवश्य सूचित कीजिएगा। लेखक के रूप में हम यह जानते है, कि एक गंभीर विषय पर पुस्तक लिखना चुनौतीपूर्ण कार्य होता है और उसमें सदैव सुधार की संभावना बनी रहती है,  उसे पूर्णता तक पहुंचाने के लिए मैं सदैव तत्पर रहूंगा उसके लिए सुधीजन पाठकों का सहयोग हमारे लिए प्रेरक रहेगा।

2 thoughts on ““अनकही कथा” पुस्तक का विमोचन”

  1. धर्मेन्द्र सिंह

    बहुत सुन्दर कार्यक्रम रहा मैं स्वयं मौजूद रहा था

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