KAVITA

राष्ट्रहित का भाव बहे

अजय शर्मा 

हर घर में राष्ट्रहित का भाव बहे..

स्वदेश प्रेम का सार गढ़े..!

हर घर में तिरंगा ऊंचा हो |

हर घर की भगवा शान रहे..!! 

भारतमाता का मान रहे..

वीरों के अद्म्य साहस का सम्मान रहे;

राष्ट्र्भक्ती से हो तिलक हर दिन,

विश्वपटल पर भारत का तेजोम्य गुणगान रहे..!!

स्वतंत्रता के संग्राम की, हर चीख-पुकार याद रहे..

रगों में वान्देमातरम् और सांसो में भारत माता की जयजयकार रहे..!

हिन्दुस्तान जिन्दाबाद के नारों से नित्यप्रतिदिन, इस धरा का वंदन हो..!

हर भारतवासी के मस्तक पर देशप्रेम का चन्दन हो…!!

और क्या चाहिए जीने को; और क्या चाहिए जीने को….

मरते समय बस देह पर, तिरंगे का आलिंगन हो..!

भगवामय ज्वालाओं में देशप्रेम का गर्जन हो..!!

हर घर की भगवा शान रहे | हर घर में तिरंगा ऊंचा हो ||

हर घर में राष्ट्रहित का भाव बहे  स्वदेश प्रेम का सार गढ़े….

हर घर में तिरंगा ऊंचा हो | हर घर की भगवा शान रहे ||

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